वह दिन जब परमेश्वर भलाई को प्रतिफल देगा और बुराई को दण्ड देगा, निकट है; क्या आप शेष तीसरे में से एक बनना चाहते हैं?

परमेश्वर की दया|परमेश्वर के न्याय|परमेश्वर का उद्धार

बाइबल कहती है, “यहोवा की यह भी वाणी है, कि इस देश के सारे निवासियों की दो तिहाई मार डाली जाएगी, और बची हुई तिहाई उस में बनी रहेगी।” (जकर्याह 13:8)।(© BSI)

सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर कहते हैं, “मेरा कार्य केवल छह हजार वर्ष तक रहेगा, और मैंने वचन दिया है कि समस्त मानवजाति पर शैतान का नियंत्रण भी छह हजार वर्षों से अधिक तक नहीं रहेगा। और इसलिए, समय पूरा हुआ। मैं अब और न तो जारी रखूँगा और न ही बिलंब करूँगा: अंत के दिनों के दौरान मैं शैतान को परास्त कर दूँगा, मैं अपनी सम्पूर्ण महिमा वापस ले लूँगा, और मैं पृथ्वी पर उन सभी आत्माओं को सुधार दूँगा जो मुझसे संबंधित हैं ताकि ये व्यथित आत्माएँ दुःख के सागर से बच कर बाहर आ जाएँ, और इस प्रकार पृथ्वी पर मेरे समस्त कार्य का समापन होगा। इस दिन से आगे, मैं पृथ्वी पर फिर कभी भी देहधारी नहीं बनूँगा, और पूर्ण-नियंत्रण करने वाला मेरा आत्मा फिर कभी भी पृथ्वी पर नहीं आएगा। Continue reading “वह दिन जब परमेश्वर भलाई को प्रतिफल देगा और बुराई को दण्ड देगा, निकट है; क्या आप शेष तीसरे में से एक बनना चाहते हैं?”

सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की उत्पत्ति और विकास

अनुग्रह के युग में, प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों से वादा किया, “और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊँगा कि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो” (यूहन्ना 14:3)। उन्होंने यह भविष्यवाणी भी की, “क्योंकि जैसे बिजली पूर्व से निकलकर पश्‍चिम तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य के पुत्र का भी आना होगा” (मत्ती 24:27)। Continue reading “सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की उत्पत्ति और विकास”

जब मैं मौत के कगार पर था, तो सर्वशक्तिमान परमेश्वर मेरी मदद के लिए आया

जब मैं मौत के कगार पर था, तो सर्वशक्तिमान परमेश्वर मेरी मदद के लिए आया

वांग चेंग, हेबेई प्रांत

प्रभु यीशु मसीह में मेरे विश्वास रखने के दौरान, सीसीपी ने मेरा उत्पीड़न किया। सरकार ने प्रभु यीशु में मेरी आस्था के “अपराध” को मुझे पीड़ा देने और मेरा दमन करने के कारण की तरह इस्तेमाल किया। यहाँ तक कि उसने ग्राम काडर को यह आदेश दिया था कि मेरी आस्था संबंधी मान्यताओं की छानबीन करने के लिए वे अक्सर मेरे घर आते रहें। 1998 में, मैंने अंत के दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार कर लिया। Continue reading “जब मैं मौत के कगार पर था, तो सर्वशक्तिमान परमेश्वर मेरी मदद के लिए आया”

परमेश्वर मुझे राह दिखाता है ताकि मैं शैतान की क्रूरता पर काबू पर सकूँ

परमेश्वर मुझे राह दिखाता है ताकि मैं शैतान की क्रूरता पर काबू पर सकूँ

लेखिका: वांग हुआ, हेनान प्रांत

मैं और मेरी बेटी सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया से जुड़े ईसाई हैं। परमेश्वर का अनुसरण करने के दौरान, सीसीपी सरकार ने हम दोनों को गिरफ़्तार करके सश्रम पुनर्शिक्षा की सज़ा सुना दी। मुझे तीन साल की सज़ा हुई और मेरी बेटी को एक साल की। हालाँकि सीसीपी सरकार ने मुझे अमानवीय यातनाएँ दीं, और काफ़ी नुकसान पहुँचाया, लेकिन जब भी मैं मायूसी का शिकार हुई और मैंने ख़ुद को ख़तरे में पाया, परमेश्वर ने अदृश्य रहकर मुझ पर नज़र रखी, मेरी रक्षा की और मुझे राह दिखाई। Continue reading “परमेश्वर मुझे राह दिखाता है ताकि मैं शैतान की क्रूरता पर काबू पर सकूँ”

प्यार से बाहर

परमेश्वर का कार्य|परमेश्वर को जाननाप्रेम के कारण, परमेश्वर ने मानवजाति को बनाया और हमेशा उनकी देखभाल की और उनका ध्यान रखा है।

प्रेम के कारण, परमेश्वर ने पृथ्वी पर मनुष्य के जीवन का मार्गदर्शन करने के लिए नियम और आज्ञाएँ जारी कीं।

प्रेम के कारण, परमेश्वर ने देहधारण किया और मानवजाति को छुटकारा देने के लिए अपना जीवन दे दिया।

प्रेम के कारण, क्रूस का उद्धार भूमि पे आया और बहुत पहले पूरी दुनिया में फैल गया। Continue reading “प्यार से बाहर”

क्या तुम्हें पता था? परमेश्वर की इच्छा और मनुष्य के लिए उनकी अपेक्षा अब्राहम से किए गए उसके वादे में छिपी हुई थी

परमेश्वर की इच्छा और मनुष्य के लिए उनकी अपेक्षा अब्राहम से किए गए उसके वादे में छिपी हुई थीबाइबल में इब्राहीम ने इसहाक को परमेश्वर के सामने पेश किया और इस प्रकार परमेश्वर की प्रतिज्ञा को प्राप्त किया। दोस्तों क्या आपने यह कहानी पहले पढ़ी है? शायद आप कहेंगे: “बिल्कुल।” तो क्या आपने इसे एक साधारण कहानी के रूप में देखा है? यदि हाँ, तो इस पोस्ट को पढ़ते रहने के लिए 3 मिनट का समय अवश्य लें, क्योंकि इस बाइबल कहानी के पीछे परमेश्वर की इच्छा और मनुष्य की अपेक्षा छिपी थी। आइए परमेश्वर के वचनों को एक साथ पढ़ें, और आप परमेश्वर के बारे में अधिक ज्ञान प्राप्त करेंगे। Continue reading “क्या तुम्हें पता था? परमेश्वर की इच्छा और मनुष्य के लिए उनकी अपेक्षा अब्राहम से किए गए उसके वादे में छिपी हुई थी”

आपकी गवाही है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु की वापसी हैं, यह असंभव है! बाइबल कहती है: “उन दिनों के क्लेश के तुरन्त बाद सूर्य अन्धियारा हो जाएगा, और चन्द्रमा का प्रकाश जाता रहेगा, और तारे आकाश से गिर पड़ेंगे और आकाश की शक्‍तियाँ हिलाई जाएँगी। तब मनुष्य के पुत्र का चिह्न आकाश में दिखाई देगा, और तब पृथ्वी के सब कुलों के लोग छाती पीटेंगे; और मनुष्य के पुत्र को बड़ी सामर्थ्य और ऐश्‍वर्य के साथ आकाश के बादलों पर आते देखेंगे” (मत्ती 24:29-30)। अगर प्रभु वाकई लौट आते तो वो पूरी शानोशौकत के साथ बादलों पर सवार होकर आते। और फिर, स्वर्ग और धरती काँप जाते, चाँद और सूरज रोशनी देना बंद कर देते। अब तक ऐसा तो कुछ दिखा नहीं, फिर वे ऐसा कैसे कह सकते हैं कि प्रभु लौट आए हैं। आख़िर ये सब है क्या?

राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर (संकलन)
 
उत्तर: तब मुझे पता लगा कि प्रभु के आने का इंतज़ार करके हमने भी वही भूल की है। उस भविष्यवाणी के आधार पर कि प्रभु बादलों पर सवार होकर आएंगे, हम बस इंतज़ार कर रहे हैं। लेकिन हमने प्रभु के आगमन की बाकी भविष्यवाणियों को नज़रंदाज़ कर दिया। ये हमारी भारी भूल है! प्रभु के आगमन के बारे में बाइबल के बहुत से अंशों में भविष्यवाणी की गई है। जैसे प्रभु की ये भविष्यवाणियां: “देख, मैं चोर के समान आता हूँ” (प्रकाशितवाक्य 16:15)। “आधी रात को धूम मची: देखो, दूल्हा आ रहा है! Continue reading “आपकी गवाही है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु की वापसी हैं, यह असंभव है! बाइबल कहती है: “उन दिनों के क्लेश के तुरन्त बाद सूर्य अन्धियारा हो जाएगा, और चन्द्रमा का प्रकाश जाता रहेगा, और तारे आकाश से गिर पड़ेंगे और आकाश की शक्‍तियाँ हिलाई जाएँगी। तब मनुष्य के पुत्र का चिह्न आकाश में दिखाई देगा, और तब पृथ्वी के सब कुलों के लोग छाती पीटेंगे; और मनुष्य के पुत्र को बड़ी सामर्थ्य और ऐश्‍वर्य के साथ आकाश के बादलों पर आते देखेंगे” (मत्ती 24:29-30)। अगर प्रभु वाकई लौट आते तो वो पूरी शानोशौकत के साथ बादलों पर सवार होकर आते। और फिर, स्वर्ग और धरती काँप जाते, चाँद और सूरज रोशनी देना बंद कर देते। अब तक ऐसा तो कुछ दिखा नहीं, फिर वे ऐसा कैसे कह सकते हैं कि प्रभु लौट आए हैं। आख़िर ये सब है क्या?”

देहधारी परमेश्वर और परमेश्वर द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले लोगों के बीच मूलभूत अंतर

देहधारी परमेश्वर और परमेश्वर द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले लोगों के बीच मूलभूत अंतर

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन :

देहधारी परमेश्वर मसीह कहलाता है और मसीह परमेश्वर के आत्मा द्वारा धारण की गई देह है। यह देह किसी भी मनुष्य की देह से भिन्न है। यह भिन्नता इसलिए है क्योंकि मसीह मांस तथा खून से बना हुआ नहीं है; वह आत्मा का देहधारण है। उसके पास सामान्य मानवता तथा पूर्ण दिव्यता दोनों हैं। उसकी दिव्यता किसी भी मनुष्य द्वारा धारण नहीं की जाती। उसकी सामान्य मानवता देह में उसकी समस्त सामान्य गतिविधियां बनाए रखती है, जबकि उसकी दिव्यता स्वयं परमेश्वर के कार्य अभ्यास में लाती है। Continue reading “देहधारी परमेश्वर और परमेश्वर द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले लोगों के बीच मूलभूत अंतर”

परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों में से प्रत्येक का उद्देश्य और अर्थ

परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों में से प्रत्येक का उद्देश्य और अर्थ|सुसमाचार
(1) व्यवस्था के युग में परमेश्वर के कार्य का उद्देश्य और अर्थ

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन :

यहोवा ने जो कार्य इस्राएलियों पर किया, उसने मानव-जाति के बीच पृथ्वी पर परमेश्वर के मूल स्थान को स्थापित किया, जो कि ऐसा पवित्र स्थान भी था जहाँ वह उपस्थित रहता था। उसने अपने कार्य को इस्राएल के लोगों तक ही सीमित रखा। आरंभ में उसने इस्राएल के बाहर कार्य नहीं किया, बल्कि उसने अपने कार्यक्षेत्र को सीमित रखने के लिए ऐसे लोगों को चुना, जिन्हें उसने उचित पाया। इस्राएल वह जगह है, जहाँ परमेश्वर ने आदम और हव्वा की रचना की, और उस जगह की धूल से यहोवा ने मनुष्य को बनाया; यह स्थान पृथ्वी पर उसके कार्य का आधार बन गया। इस्राएली, जो नूह के वंशज थे और आदम के भी वंशज थे, पृथ्वी पर यहोवा के कार्य की मानवीय बुनियाद थे। Continue reading “परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों में से प्रत्येक का उद्देश्य और अर्थ”

अंत के दिनों में अपना न्याय का कार्य करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, बल्कि देहधारण कर उसे स्वयं क्यों करता है

अंत के दिनों में अपना न्याय का कार्य करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, बल्कि देहधारण कर उसे स्वयं क्यों करता है
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन :

न्याय का कार्य परमेश्वर का अपना कार्य है, इसलिए स्वाभाविक रूप से इसे परमेश्वर द्वारा ही किया जाना चाहिए; उसकी जगह इसे मनुष्य द्वारा नहीं किया जा सकता। चूँकि न्याय सत्य के माध्यम से मानवजाति को जीतना है, इसलिए परमेश्वर निःसंदेह अभी भी मनुष्यों के बीच इस कार्य को करने के लिए देहधारी छवि के रूप में प्रकट होगा। अर्थात्, अंत के दिनों में मसीह दुनिया भर के लोगों को सिखाने के लिए और उन्हें सभी सच्चाइयों का ज्ञान कराने के लिए सत्य का उपयोग करेगा। यह परमेश्वर के न्याय का कार्य है। Continue reading “अंत के दिनों में अपना न्याय का कार्य करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, बल्कि देहधारण कर उसे स्वयं क्यों करता है”